तुम पापा लगे…


तब घड़ी की टिकटिक ने सुबह के ४ बजाये थे। पिताजी जी अब तक नहीं लौटे थे। सुबह भी बहुत परेशानी में ऑफीस के लिये निकले थे। चेहरे पे चिरपरिचित मुस्कुराहट तो थी पर अंदर का शोर इतना ज़्यादा था कि उसकी आवाज़ मुझे सुनाई देती रही उनके जाने के बाद भी। ऐसा नहीं था कि मां को उनकी परेशानी की भनक नहीं थी पर कई बार हालात कई चीज़ों से आपको आँखें फेरने पे मजबूर कर ही देते हैं। मां भी शायद उसी वक़्त से गुज़र रही थी। इति उस वक़्त बहुत छोटी थी इसलिये बहुत सारी बातें उसकी समझ में नहीं आती थी पर मेरी शादी हो रही थी और सब ऐसा कहते हैं कि शादी का मतलब ही है कि लड़की सयानी हो गई। कोई भी बोझ हो भारी तो लगता ही है पर कुछ जिम्मेदारियों का बोझ ऐसा होता है जिनसे आप मुंह नहीं मोड़ सकते और ना ही उसे भारी कह सकते हैं। पिताजी भी कुछ ऐसे ही बोझ से दबे थे।

आज जाने क्यों मन अतीत में जा रहा है। प्रेक्षा के पिता की वो हालत भी याद है मुझे जब उनका बेटा बड़ा हो चला था और काम की मारामारी ने उसको बेरोज़गार ही रख छोड़ा था। कैसे वो अपने बेटे को किसी के भी नज़रों में कम होने से बचाते थे ना जैसे किसी ने अगर हल्का सा भी मज़ाक उड़ाया तो शायद अंकल के लिये वो मर मिटने की बात हो जाये। बाप अपनी बेटी को लेकर चिंतित रहता है तो बेटे को लेकर सजग।

बड़ी अजीब सी होती है ये बाप की भूमिका। मैंने कभी पिताजी को बॉडीगार्ड कह के नहीं पुकारा पर काम उन्होंने वही किया है। सिर्फ बॉडीगार्ड ही क्यूं, ए टी एम जैसा काम भी किया है उन्होंने। हम बच्चे कभी इस सत्य को नहीं जान पाये कि पिताजी की सही आर्थिक स्थिति कैसी रही? कारण शायद यही रहा होगा कि जब भी हमने अपनी ज़रूरतों के लिये मुंह खोला, पिताजी ने हर कमी के एहसास को खत्म कर दिया। मांगते हम 5 थे, मिलता 10 था। ऐसा नहीं था कि मकसद बिगाड़ने का था। इरादा शायद हर उस कमतरी के एहसास से अपने बच्चों को महरूम रखने का था, जो उन्होंने जाने अनजाने अपनी ज़िंदगी में महसूस किया होगा।

आज तुमको देखती हूं। दौड़ते भागते रहते हो। ऑफिस के अलावा बाहर के काम करने का अवसर भी नहीं छोड़ते। पूछने पर यही जवाब कि अच्छा है जितना हो जाए तो। क्यूं होते हैं पिताजी लोग ऐसे? मां की सारी दर्द तकलीफ दिखती है…मेरी भी… मैं बता और जता पाती हूं पर तुम…

आज राहन आया मेरे पास और कहने लगा कि पापा काफी थके दिख रहे हैं। तुम्हारे चेहरे को मैं बहुत गौर से देखने लगी। पहचानने की कोशिश कर रही थी शायद कुछ।

आज तुम्हारा चेहरा पिताजी जैसा लगा…

father

Leave a Reply

Your email address will not be published.