प्यार बड़ी जज़्बाती सी चीज़ है…


प्यार बड़ी जज़्बाती सी चीज़ है, इस बात का एहसास पहली बार मुझे वैलेंटाइन डे की पार्टी के दौरान हुआ जब मैं अपने दोस्तों के साथ एक क्लब में गई थी। मेन एंट्रेस पर ही हमें रोका गया कि कपल एंट्री है और वो भी 2500 रुपये। नीता, जो कि मेरी काफी खास सहेली थी, वो पहले भी कई बार उस क्लब में जा चुकी थी अपने पति के साथ। उसने काफी हैरान होकर पूछा कि क्यों? जवाब था कि मैडम, आज वैलेंटाइन डे है ना इसलिए। मैं और नीता एक दूसरे का चेहरा देखने लगे क्योंकि हम दोनों ही वैलेंटाइन के बिना थे। लगा कि हम शायद जा ही ना पाएंगे। खैर, देश की सबसे महतवपूर्ण चीज ‘जुगाड़’ से हमारा मामला सलटा और हम अंदर गए।

काफी फेमस क्लब था, ये सुन रखा था मैंने और अंदर की चकाचौंध ने उसे साबित भी किया। कई प्यार में डूबे जोड़े नज़र आए। शरीर पर भले ही कपड़ों की कमी थी, पर दिल और आंखों में प्यार की कोई कमी नहीं थी। धीरे धीरे प्यार परवान चढ़ रहा था। लाइव म्यूज़िक का भी इंतज़ाम था। सिंगर भी प्यार में डूबा था। एक से बढ़कर एक प्रेम गीत उसके मुंह से निकल रहे थे।

अचानक लगा कि दो आंखें मुझे देख रही हैं। गर्दन घूमा कर देखा तो एक नौजवान लड़का अपनी कोट की जेब में हाथ डालकर अकेले डांस कर रहा था। आंखों में एक इंविटेशन था, जिसे नीता और मैंने साथ ही देखा। उसे इग्नोर करके हम अपने ड्रिंक्स को इंजॉय करने लगे। ये अलग बात है कि उस बंदे के उमड़ते बहाव को रोकने के लिए अंत में बाउंसर्स को आना पड़ा।

धीरे धीरे समय आगे बढ़ रहा था…धीरे धीरे म्यूज़िक का शोर बढ़ रहा था…धीरे धीरे कपल्स के बीच में जोश और प्यार भी बढ़ रहा था। मैंने भी पहली बार टकीला शॉट मारा था तो ज़ाहिर सी बात है कि मेरी आंखों की खुमारी भी बढ़ रही थी और यही वो पल था जब मेरी नज़र एक जोड़े पर पड़ी और मैंने प्यार के अनियंत्रित जज़्बात को महसूस किया। कुछ 45 साल के आस पास का जोड़ा था। महाशय का ध्यान कहीं और ही था और उनकी धर्मपत्नी उनके सामने मुस्कुरा मुस्कुरा करके उर्वशी की तरह नृत्य कर रही थी। पत्नी का प्यार में वो बहाव कि उसे पति की नज़रों से कई फर्क नहीं पड़ रहा था, मुझे रोचक लगा। कई कपल्स अलग भी थे। प्यार में डूबे, बांहों में बांहे डालकर खोए हुए थे एक दूसरे में। बस कभी कभी नज़रें इधर उधर जा रही थीं। अब आप ऐसा मत सोचिए कि इरादे उनके बुरे थे। नहीं नहीं…उसके पीछे ये कारण था कि सबने उनके प्यार को देखा या नहीं।

एक कपल अचानक ही बीच में से निकल कर आया। भला हो ‘आशिकी 2’ का, जिसने बेहद ही रोमांटिक गाना दिया। उस कपल ने उसी गाने पर सालसा करना शुरु किया। मैं मन ही मन सराहने लगी उस जोड़े को…प्यार के जज़्बात में डूबे थे दोनों। भई मेहनत की थी उन्होंने। पैसे दिए होंगे सीखने के लिए, समय दिया होगा। मुझे अच्छा लगा उनका डेडिकेशन देखकर। गाना खत्म हुआ…डांस भी खत्म हुआ। हम सबने जोर से ताली भी बजाई…पर ये क्या देखा मेरी नज़रों ने…गाना बंद होते ही पति महाशय गर्व में डूबे हाथी की तरह इठला कर चल दिए। पत्नी ने बड़ी होशियारी से अपने बिगड़ते भावों को संभाला और चेहरे पर एक खुली मुस्कुराहट के साथ सबको देखती पीछे पीछे चल दी। मैंने एक बार फिर से सराहना की पत्नी की।

कई जोड़े ऐसे भी थे जो एक दूसरे से इस तरह से चिपके थे कि मुझे डर लगा कि इन्हें अलग कैसे किया जाएगा क्योंकि टीवी पर भी मैंने चिपकाने वाली चीज़ों का विज्ञापन तो देखा था पर अलग करने की ऐसी किसी चीज़ के बारे में मुझे जानकारी नहीं थी। नीता ने मुझे समझाया कि परेशान मत हो। आने वाला कल का दिन इन्हें अलग कर देगा। हम्म्म्म्म…मतलब 14 फ़रवरी में ताकत तो बहुत ही थी। इस दिन ने सबको खुश कर दिया था। कुछ को डांस सीखा दिया, कुछ को चिपकना, कुछ को कम कपड़े पहनना तो कुछ को ड्रिंक करना।

बेबी, शोणा, जानू जैसे शब्द कानों में पड़ रहे थे। प्रेम रस में डूबे जोड़े जोश में आ रहे थे। कुछ ऐसे भी नज़र आए जिन्हें दूसरों को देखकर जोश आया। ‘तुम भी उसकी तरह डांस करो ना’, ‘कहा था ना कि सूट पहन कर मत आना’, तुमने मेकअप अच्छे से नहीं किया, उसको देखो’…ऐसी फुसफुसाहट भी कानों में आई। कई लोग ऑफिस के बहाने अपने जोड़े के रुप में किसी दूसरे को भी लेकर आए थे। भाई अब प्यार जिससे करते हैं, उसी को तो लेकर आएंगे ना। क्लब में फैले उस प्यार ने मुझे अंदर तक छू लिया।

कम्बख़्त मुझे ही देखो। प्यार का जज़्बात मेरे अंदर कौन सा कम उमड़ा था। कोई ऐसा नहीं था जिसे जानू, बेबी कह सकूं या कोई मेरा बिल भर सके या जिसके साथ मैं भी Quick Fix जैसा चिपक कर डांस कर सकूं। उफ्फ्फ…ले देकर ज़िंदगी में तुम ही दिख जाते हो। तुम पास नहीं थे और मैंने तुम्हें व्हाट्स ऐप पर मैसेज भेजा कि आई लव यू मोर देन माई लाइफ (I love you more than my life)। उड़ी तो उस समय मैं भी प्यार के पंक्षी की तरह ही थी, बस ग़लती ये हो गई थी कि मैं भूल ही गई थी कि तुम तो व्हाट्स ऐप पर हो ही नहीं।

पर क्या फर्क पड़ता है…प्यार बड़ी जज़्बाती सी चीज़ है, इस बात का एहसास तो मुझे हो ही चुका था…

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0 thoughts on “प्यार बड़ी जज़्बाती सी चीज़ है…

  1. Good one Shweta … waiting for your book with all your articles … 100 ho gaye honge… ab ek book to chhap hi do bhai … best seller rahegi … chetan bhagat se bhi upar …

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