ज़हर


हां…

पढ़ा है मैंने ज़हर के बारे में

आवश्यकता से अधिक हुई चीज़

‘ज़हर’ होती है

समझ ले तेरा प्यार भी

वैसा ही हो गया है कुछ

मर जाऊं उसके पान से मैं

उससे पहले ही मेरे मीत,

तू कम कर ले मेरे अंदर से खुद को

ऐसा नहीं,

कि ज़िंदगी है प्यारी मुझे

बस…

ज़िंदा रहना चाहती हूं

तुझे ज़िंदा रखने के लिए…

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