कुछ सुलझा हुआ…


वो उसकी दूसरी पत्नी है

अरे! वो भी उसका दूसरा पति है

नहीं, दूसरा नहीं तीसरा

ओह…और वो जो मर गई?

बेटी थी उसकी

अरे नहीं रे! उसने तो बहन बताया था

हां, पर थी बेटी

तो दूसरे पति से थी

नहीं, पहले पति से

और ये बेटा?

ये पति की पहली पत्नी से

तो फिर बेटी?

पत्नी के पहले पति से

मारा क्यों?

क्योंकि कुछ राज़ जानती थी इसलिए

बस इसलिए?

नहीं, अपने ही भाई से प्यार कर बैठी थी

जिसने मारा उसके बेटे से?

नहीं, जिसने मारा, उसके दूसरे पति की पहली पत्नी के बेटे से

उफ्फ्फ…ये फैमिली ट्री कैसी है इनकी?

छोड़ो…तुम नहीं समझ पाओगे

अजीब सा है ना ये सब कुछ

हां, इस दुनिया में ऐसा ही होता हो शायद

हमारी दुनिया अलग है ना कितनी…

हां…अलग…आसान…सुलझी

अच्छा, मुझे भी तो बताओ…कितनी सुलझी

तुम मेरी ज़िंदगी के मर्द

और तुम?

मैं तुम्हारी बियाहता

बस?

हां…बस…इतनी ही आसां…

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