यूं ही….


नए पनपे एक दंभ में

कुचल गया एक भाव

भाव,

जो पैदा होता तो

रचता एक नया संसार

प्रेम का संसार

रिश्ते का संसार

खुशियों का संसार

ना भाव बचा

ना बन सकी वो दुनिया

किसी को पता भी नहीं

कब कहां क्या मर गया…

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