रक्खा क्या है…


चाहे हो कारवां या कोई भी भीड़ हो, इस इक साथ के सिवा रखा क्या है

समेटा है दामन में जिसने हमेशा, उस इक हाथ के सिवा रखा क्या है

चांद की चांदनी लुभाती हमेशा, काली रातों का भी अपना मजा

जब तू समा जाए मेरे अंदर, उस इक रात के सिवा रखा क्या है

करना जो चाहे कोई गीला ये मन, सूखा ही रहता है तब भी बदन

भीगू ना संग में जिसमें तेरे, उस इक बरसात के सिवा रखा क्या है

फैले हैं किस्से कहानी यहां, बातें बहुत सी मैं जाऊं जहां

तेरे ही शब्द मेरे कानों में हैं, उस इक बात के सिवा रखा क्या है…

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0 thoughts on “रक्खा क्या है…

  1. Ek Tera hi to saath he werna is duniya me rakha kya he
    Ek tu sath de to achha werna is duniya me rakhha kya he

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