ज़िंदगी खूबसूरत बहुत खूबसूरत, ये लम्हें हसीं हैं दो पल के लिए
है चारों तरफ अंधेरा यहां, ये रोशनी मिली है दो पल के लिए
है चाहत भी अरमान भी, ऐ ज़िंदगी तेरा मान भी
पर चारों तरफ वीराना यहां, ये बस्ती बसी है दो पल के लिए
तू आजा मुझको अभी देख ले, मुमकिन है हम कल ना मिले
इन फूलों की खूशबू पे मत जा, ये सेज सजी है दो पल के लिए
तेरी आंखों में दिखता प्यार, तू साथ ये दिल कहता बार बार
पर मैं अनजां भी नहीं इस सच से कि ये सोच पली है दो पल के लिए