ये मांगे भी कितनी अजीब सी होती हैं ना
किसी को राज्य चाहिए
किसी को देश
कोई जिले में ही खुश
कहीं बादशाहत को बरकरार रखने की मांग
किसी को पैसा तो किसी को सुकूं
कोई पानी की मांग करे
कोई करे मांग खाने की
सपनों को पूरा करने की मांग
कहीं उन्हें कुचलने की मांग
दिल जोड़ने और तोड़ने की मांग
हंसाने और रुलाने की मांग
कहीं जिस्म की मांग
कहीं सोच की मांग
कहीं ‘सब कुछ’ की मांग
कहीं ‘कुछ कुछ’ की मांग
और मुझे…
मुझे ‘तुम्हारी’ मांग
ये मांगे भी कितनी अजीब सी होती हैं ना