मम्मी, प्लीज़ अब इस सोफे को निकाल दो ना। सारे मेहमान क्या कहेंगे कि पिछले 15 साल से इसी सोफे से काम चला रहे हैं ये लोग….प्लीज़ मम्मी, मुझे इंसल्ट फील होती है, जब भी कोई घर में आता है। तुम समझती क्यों नहीं…पुराना जाएगा, तो नया आएगा…है ना?
जिया ने मेरी आंखों में देखते हुए कहा और निकल गई। 15 दिन बाद मेरी जिया की शादी है और वो ना जाने कबसे मेरे पीछे पड़ी है कि मैं इस सोफे को निकाल दूं। ये OLX ने एक अलग ही राग सीखा दिया है सबको…पर सच ही तो है…पुराना जाएगा, तभी तो नया आएगा ना।
ये जो लाइन है – ‘पुराना जाएगा, तो नया आएगा’, काफी अच्छी लाइन है। ज़िंदगी के हर क्षेत्र में फिट बैठती है। पुरानी नौकरी जाएगी, तभी तो नई लगेगी…पुराने दुख जाएंगे, तभी तो नई खुशी आएगी, पुरानी दुश्मनी हटेगी, तभी तो नई दोस्ती होगी…पुराने कपड़े..पुराने जूते…पुराना फोन…कार…मतलब आप नाम लो…कोई भी ज़िंदगी का हिस्सा सोचो और इस लाइन को फिट कर लो, सुपरहिट ही होगी…और कई बार तो ज़िंदगी के रिश्ते में भी ये फिट बैठती है।
जिया जब अपने सेकेंड ईयर में थी, तभी आदित्य उसकी ज़िंदगी में आया था। साथ पढ़ना, फ़िल्में देखना, घूमना, घर पर कई बार एक साथ खाना खाना, लड़ना…दोस्ती से ऊपर के रिश्ते में जो भी होता है, वो उन दोनों के बीच था। मैं मां थी…बेटी को खुश देखकर मैं भी खुश थी। तुम हमेशा मुझे जिया को समझाने के लिए कहते थे कि कई बार इतनी नज़दीकियां दूरी का कारण बनती है…पर मैं जिया को कभी नहीं समझा पाई। सब सही ही लगता रहा हमेशा मुझे।
वो शाम याद है तुम्हें, जब जिया कॉलेज से आई और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया। मेरे से तो मानी भी नहीं, तुम्हारे समझाने पर उसने दरवाज़ा खोला और तुम्हारे सीने के अंदर सिर छिपा कर रोने लगी। आदित्य शादी करने जा रहा था…बिना बताए। जिया को ऐसा कभी नहीं लगा था कि ऐसा भी होगा…उसको क्या कहूं, मैं खुद आदित्य को अपना दामाद मान कर चल रही थी। तुम हमेशा मुझे समझाते थे कि मत इतने सपने सजाओ…life has the last laugh…पर मैं भी नहीं समझी..और ना ही हमारी बेटी…
वक्त बीता और फिर हम दोनों ने मिलकर प्रतीत का रिश्ता ढूंढा हमारी परी के लिए। पूरा 1 साल लगा जिया को ये समझाने में…पर प्रतीत के प्यार ने आखिर जिया को पुराना वक्त भूला ही दिया। वो शाम, जब पहली बार जिया ने मुझे ये लाइन बोली, काफी हसीं शाम थी। मैंने चाय पीते जिया से पूछा था, ‘तू खुश तो है ना?’ और जिया ने मुझे गले लगाकर कहा कि ‘हां मां…बहुत खुश। Thanks for Prateet. मैं समझ चुकी हूं कि पुराना जाएगा, तो नया आएगा।‘
प्रतीत ने मेरी बेटी को और मेरी बेटी ने मुझे ये बात समझा दी कि ‘पुराना जाएगा, तो नया आएगा’….उम्मीद करती हूं कि सबकी ज़िंदगी में ये बात समझाने वाला कोई ना कोई ज़रुर हो….