ज़रा सी शिकायत
थोड़ी सी कड़वाहट
हां,
बस इतने से ही बन सकती है
हम दोनों के दरमियां दीवार
तुम्हारे मन की बात होगी पूरी
नहीं बढ़ पाएंगी नज़दीकियां
मेरा क्या भला?
चिपकी रहूंगी उस दीवार से लगकर
होने नहीं दे सकती मैं दूरी
तू बाहर इस कश्मकश से
मैं अंदर इश्क़ की बेताबी में