चर्चा…


मुझे करनी है शिकायत तेरी

लेना है बदला उन बेरुखियों का

ख़ान चचा से चुगली करनी है

मोटी अम्मा से कान खिंचवाने हैं

चम्पा को बोलुंगी लड़े आकर

गुप्ता अंकल भी आंखें तरेर कर देखें

वो लाल कोठी वाली काकी,

बालकनी से पानी फेकेंगी तब देखना

पिंकी को कहूंगी गोद गीली कर दे

बिट्टू भी गिट्टी फेंक कर मारेगा

कार का टायर पंक्चर मिले तो समझना

तेरी गलियों में जाकर करूंगी मार्च

मुहल्ले में एक बार फिर से होगी

तेरे और मेरे प्यार की चर्चा

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