कपूर एंड सन्स


बॉक्स ऑफिस पर आ चुकी है शकुन बत्रा की कपूर एंड सन्स। जिसमें ऋषि कपूर, रजत कपूर, रत्ना पाठक शाह, सिद्धार्थ मल्होत्रा और फवाद खान के साथ है लड़की ब्यूटीफुल यानि गॉर्जियस आलिया भट्ट। फ़िल्म के प्रोड्यूसर हैं करण जौहर। फिल्म की कहानी की बात करूं तो फिल्म में दिखाया गया है कपूर फैमिली ड्रामा। कपूर फैमिली के सबसे बड़े फैमिली मेंबर हैं अमरजीत कपूर, जो 90 साल के हैं और उनकी मरने से पहले एक ही इच्छा है कि पूरे परिवार के साथ एक फैमिली फोटो, जिसके नीचे लिखा हो – kapoor and sons, since 1921. रजत कपूर और रत्ना पाठक पति पत्नी हैं, जो आपस में हमेशा लड़ते ही रहते हैं। कपूर खानदान के चिराग राहूल कपूर यानि सिद्धार्थ मल्होत्रा और अर्जुन कपूर यानि फवाद खान के बीच भी कुछ ठीक नहीं चलता। राहुल को हमेशा लगता है कि फैमिली मेंबर्स अर्जुन को ज्यादा प्यार करते हैं। इसी बीच में राहुल को होता है टिया यानि आलिया भट्ट से प्यार। कहानी में कई छोटे छोटे ट्विस्ट आते हैं। अब अमरजीत की फैमिली फोटोग्राफ वाली इच्छी पूरी हो पाती है या नहीं, इसके लिए फ़िल्म देखिए, और ज़रुर देखिए, क्योंकि ये एक ऐसी फ़िल्म है, जिसे आप मिस नहीं करना चाहेंगे।

एक्टिंग की बात करूं तो एक्टिंग के मामले में कोई किसी से कम नहीं है। ऋषि कपूर से लेकर, रजत कपूर, रत्ना पाठक, सिद्धार्थ, फवाद, आलिया- सभी कमाल के हैं। सभी ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है। एक्टिंग के मामले में आप किसी से भी निराश नहीं होंगे। सिद्धार्थ और फवाद अपने अपने रोल में जमे हैं। दोनों ही वैसे भी लाखों दिलों की धड़कन हैं, और इस फ़िल्म के बाद धड़कन और बढ़ने वाली है। रजत कपूर और रत्ना भी अपने रोल में जमे हैं। फैमिली में जिस तरह की प्रॉब्लम्स आजकल आने लगी हैं, उसे दोनों ने ही काफी अच्छे तरीके से दिखाया है। आलिया बहुत ही क्यूट लगी हैं और अपनी एक्टिंग से मैच्योर भी, पर इस फैमिली में जो सबसे क्यूट लगा है, जिसने सबको हंसाया भी है और रुलाया भी है, वो हैं ऋषि कपूर। अपने मेकअप की वजह से वो बहुत ही क्यूट दादू लगते हैं, अपनी हरकतों की वजह से, मंदाकिनी पर क्रश की वजह से वो सबके दिल में जगह बनाने वाले हैं।

शकुन बत्रा हैं फ़िल्म के डायरेक्टर। ‘एक मैं और एक तू’ के बाद लग रहा था कि शायद ये फ़िल्म भी शकून की ऐसी ही जाएगी, पर बॉस, ऐसा नहीं है। शकुन ने फ़िल्म में मेहनत की है। स्टोरी लाइन बहुत अच्छी है और उसे डायरेक्ट भी अच्छे से किया गया है। कहानी के ट्विस्ट ऑडियंस को बांधे रखते हैं। एक छत के नीचे रहने वाली फैमिली में क्या क्या दिक्कतें आ सकती हैं, इसे शकुन ने अच्छे से दिखाया है। इसके अलावा फ़िल्म का म्यूज़िक भी अच्छा है। ‘लड़की ब्यूटिफुल कर गई चुल’- बादशाह और नेहा कक्कड़ की आवाज़ में ये गाना हो चुका है सुपरहिट। इसके अलावा ‘बोलना’, ‘बुद्धू सा मन’, ‘ओ साथी मेरे’ और ‘लेट्स नाचो’ जैसे गाने भी ठीक हैं। अगर आप सारे ही इमोशंस एक ही फ़िल्म में देखना चाहते हैं, हंसना चाहते हैं, ज़रा सा रोना चाहते हैं, तो इस फ़िल्म को ज़रुर देखें। इस फ़िल्म को मिलते हैं 3.5 स्टार्स।

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