सुनो ना,
चाची, ताई, मौसी, दादी
दुनिया भर की बातें मेरी
दिन भर सुनते हो मेरे किस्से
जिनसे नहीं सारोकार तुम्हारा
करती रहती हूं बकर बकर मैं
पकते नहीं क्या बातों से मेरी
प्रिये,
बोलो जो भी कहना चाहो
सुनता रहूंगा तुम्हें हमेशा
जानूंगा तभी मैं दुनिया तुम्हारी
जिसका हूं अब मैं भी हिस्सा
बातों से पकाओ मुझे तुम
या फिर इश्क़ की ऑंच में
मैं भी नहीं चाहता अब ‘कच्चा’ रहना
Very nice ….. Keep up the good work …. Best wishes