‘तुम्हारी सुलु’ हाउस वाइफ सुलोचना (विद्या बालन) की कहानी है। सुलु के पति अशोक (मानव कौल) गारमेंट्स फैक्ट्री में काम करते हैं और बेटा स्कूल में पढ़ता है। सुलु के दिमाग में हमेशा ही नए नए आइडियाज़ आते रहते हैं और वो हमेशा से ही कुछ ना कुछ करना चाहती है। सुलु की बड़ी दोनों बहनें ‘रेस्पेक्टेड जॉब’ में हैं। सुलु को रेडियो पर गाने सुनने का बहुत ही शौक़ है। एक दिन उसको आरजे बनने का मौका मिलता है और ज़िंदगी अलग तरीके से टर्न लेती है। क्यूट सी मम्मी बन जाती है हॉट आरजे, जिसे सब ‘तुम्हारी सुलु’ के नाम से जानने लगते हैं। ज़रा से ही वक्त में सुलु की आवाज़ का जादू पूरे शहर पर चल जाता है, पर परिवार में शुरु हो जाती है कुछ टकराहटें। इन सबसे कैसे निपटती है सुलु, उसको जानने के लिए फ़िल्म देखिए।
सुरेश त्रिवेणी ने फ़िल्म को खूबसूरती के साथ डायरेक्ट किया है। कहानी बेहद खूबसूरत है, जिससे सब खुद को रिलेट कर पाएंगे। मध्यम वर्ग की सुलोचना की कहानी को उन्होंने काफी रोचक बना दिया है। सुरेश त्रिवेणी ने इससे पहले कई विज्ञापन और शॉर्ट्स फ़िल्मों को डायरेक्ट किया है, पर ‘तुम्हारी सुलु’ उनकी पहली बॉलीवुड फ़िल्म है। फर्स्ट हाफ बहुत ही मज़ेदार है। हंसते हंसते आपका पेट भी दुख सकता है। सेकेंड हाफ थोड़ा लंबा, खींचा हुआ सा लगता है, जिसको ठीक किया जा सकता था। लेडी कैब ड्राइवर को दिखा कर सुरेश त्रिवेणी ने वुमेन इंपावरमेंट को भी दिखाने की कोशिश की है। ‘जस्ट अ हाउस वाइफ़’ के पीछे छिपे मतलब इस फ़िल्म के बाद बदलने वाले हैं। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, ये ज्ञान भी सुलु देने वाली हैं।
विद्या इस फ़िल्म की आत्मा हैं, जान हैं। वुमेन ओरिएंटेड फ़िल्म है और विद्या ही सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि वो कैसा भी किरदार निभा सकती हैं। फ़िल्म में उनका हर बार ये कहना कि ‘मैं कर सकती है’ – रियल और रील लाइफ दोनों में फिट बैठता है। इतनी एफर्टलैस एक्टिंग है कि उनकी की हुई हर चीज़ स्वाभाविक लगती है। औरतें उनके किरदार से खुद को रिलेट कर पाएंगी।
मानव कौल ने भी बेहद अच्छी एक्टिंग की है। अपनी पत्नी को हर तरह से खुश रखने की उनकी इच्छा अच्छी लगती है। ऑफिस में बॉस से मिली फ्रस्टेशन के बाद भी हर चीज़ को मैनेज करने का उनका एक्सप्रेशन कमाल का है। विद्या के साथ उनकी जोड़ी भी बहुत इंट्रेस्टिंग लगी है। नेहा धुपिया काफी ग्रेसफुल दिखती हैं। एक बॉस के रोल में वो काफी कूल लगी हैं। आरजे मलिष्का और विजय मौर्या का काम भी अच्छा है।
फ़िल्म का म्यूज़िक भी अच्छा लगता है सुनने में। ‘हवा हवाई’ और ‘बन जा मेरी रानी’ सुनने में अच्छे लगते हैं। अगर आप विद्या के फैन हैं, बहुत अच्छी कहानी को देखना चाहते हैं तो इस फ़िल्म को देखिए। सपनों को पूरा करने का हौसला देती है फ़िल्म। हर तरह के इमोशंस इस फ़िल्म में देखने को मिलते हैं। पॉज़ीटिव सोच के लिए, एक अनजानी सी एनर्जी के लिए, हंसने के लिए, रोने के लिए, रिश्तों को समझने के लिए ये फ़िल्म देखिए और ज़रुर देखिए।
एक बात तय सी है कि ‘तुम्हारी सुलु’ के बाद ‘हैलो’ कहने का स्टाइल अब बदलने वाला है।
इस फ़िल्म को मिलते हैं 4 स्टार्स।