‘रेड’ फ़िल्म रिव्यू


‘Heroes don’t always come in uniform’ – हीरो हमेशा यूनिफॉर्म पहन कर नहीं आते, इसी टैग लाइन के साथ एक सच्ची घटना पर आधारित राजकुमार गुप्ता की फ़िल्म ‘रेड’ आ गई है। कहते हैं कि 1981 में लखनऊ में मशहूर बिज़नेसमैन ‘सरकार इंदर सिंह’ के यहां रेड मारी गई थी, जिसे इनकम टैक्स कमिश्नर शारदा प्रसाद पांडे ने अपनी टीम के साथ मिलकर 18 घंटे में इसे अंजाम दिया था। 45 लोग तो सिर्फ नोट गिनने के लिए ही लगाए गए थे।

कहानी एक सच्चे इनकम टैक्स ऑफिसर अमय पटनायक (अजय देवगन) की है, जिसे ख़बर मिलती है कि सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ राजाजी सिंह (सौरव शर्मा) के घर 420 करोड़ का काला धन छिपा हुआ है। वो यहां अपनी पूरी टीम के साथ छापा मारते हैं। इस रेड में क्या क्या निकलता है, ये जानने के लिए थियेटर जाइए।

अजय और इलियाना को पहले भी ‘बादशाहो’ फ़िल्म में देखा जा चुका है। इस फ़िल्म में दोनों पति पत्नी के रोल में नज़र आए हैं। अजय देवगन को भी पुलिस के रोल में पहले भी कई दफ़ा देखा जा चुका है, लेकिन ‘रेड’ में वो पहली बार ऐसे हीरो के रुप में नज़र आ रहे हैं, जो बिना यूनिफॉर्म के आता है। अजय देवगन की शख़्सियत ऐसी है कि उन पर इस तरह के रोल बहुत अच्छे लगते हैं। इस किरदार को भी उन्होंने बखूबी जिया है। बाहूबली राजाजी के रोल में सौरव शर्मा पूरी तरह फिट बैठे हैं। इलियाना का भी रोल कम था, पर काम उन्होंने अच्छा किया है। राजाजी की मां की एक्टिंग भी कमाल की है।

राजकुमार गुप्ता ने एक असली रेड को काफी इंट्रेस्टिंग तरीके से दिखाया है। फर्स्ट हाफ में फ़िल्म मज़ेदार लगती है तो सेकेंड हाफ में एक्साइटमेंट बढ़ाती है। एडिटिंग कमाल की है, इसलिए कहानी भी कसी हुई लगती है। फ़िल्म के डायलॉग्स रितेश शाह ने लिखे हैं, जो रोचक लगते हैं।

अजय देवगन और सौरव शर्मा की दमदार एक्टिंग के लिए, सबसे बड़े रेड को बड़े पर्दे पर देखने के लिए इस फ़िल्म को देखा जा सकता है।

 

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