इस फ्राइडे चिट्टी दुबारा आ चुका है। अब इससे पहले कि आप मेरी ग्रामर ठीक करे कि चिट्टी आती है ना कि आता है तो मैं बता दूं कि मैं डॉक्टर वसीकरण के चिट्टी की बात कर रही हूं। जी हां,चिट्टी आ चुका है वापस और इस बार वो पहले से ज़्यादा पावरफुल है। नैनीताल की ठंड में मैंने ये फ़िल्म देखी है, जिसने रिलीज़ से पहले ही बॉक्स ऑफिस का बाज़ार गर्म कर रखा था।
शंकर लेकर आए हैं 2.0, और विज़ुअल इफैक्ट्स के मामले में वो कमाल कर गए हैं। तकरीबन 600 करोड़ की बनी इस फ़िल्म के स्पेशल इफैक्ट्स को देखकर लगता है कि मेहनत बहुत की गई है। कहानी पक्षीराज और डॉ. वसीगरन की है। पक्षीराज इंसानों को दुश्मन समझता है क्योंकि उसे लगता है कि इंसान सेलफोन का इस्तेमाल करते हैं और उसके रेडिएशन की वजह से पक्षी मरते हैं। इसी सोच के चलते वो इंसानों को मारने लगता है और उससे लड़ने के लिए आता है चिट्टी। लड़ाई का अंजाम देखने के लिए फ़िल्म देखिए।
रजनीकांत डॉ. वसीगरन के रोल में भी हैं और चिट्टी के रोल में भी। वसीगरन के रोल में वो ठीक लगे हैं पर चिट्टी के हिस्से ज़्यादा डायलॉग्स के पंचेज़ थे, तो उसकी वजह से वो उस रोल में ज़्यादा जमे हैं। अक्षय ने किया है पक्षीराज का रोल, जिसमें उन्होंने पूरा गर्दा उड़ाया है। उनका वो विकराल रूप, उनकी एक्टिंग, सबने हंगामा मचाया है। कमी ये ज़रूर खली है कि अक्षय आते ही इंटरवल के बाद हैं, पर कुल मिलाकर वो सुपरस्टार रजनी पर भारी पड़ते दिखाई देते हैं। नीला नाम की रोबोट के रोल में हैं ऐमी जैक्सन। फ़िल्म में उनके होने का मतलब समझ नहीं आया बहुत, पर शंकर को शायद अपनी फ़िल्म के लिए थोड़ा ग्लैमर मिल गया और चिट्टी को एक पार्टनर। आदिल हुसैन और सुधांशु पांडे के रोल फ़िल्म में कम ही हैं।
कहानी पर शंकर ने शायद थोड़ी कम मेहनत की है। फर्स्ट हाफ जहां इस बात को स्टैबलिश करने में गुज़र जाता है कि आखिर मोबाइल उड़ कैसे रहे हैं तो वही सेकेंड हाफ पक्षीराज की कहानी को बताने में। इसके अलावा जो बात दिमाग में बार बार आती है वो ये कि पक्षीराज की लड़ाई का तरीका भले ही ग़लत हो, पर वो लड़ तो सही बात के लिए रहा है। और जब ये बात दिमाग में आती तो कहानी में कॉन्ट्राडिक्ट दिखने लगता है।
फ़िल्म का ग्राफिक्स, वीएफएक्स इतने कमाल के हैं कि आप कहानी के साथ समझौता कर लेते हैं। कई सीन्स कमाल के लगते हैं। फ़िल्म का सबसे इंट्रेस्टिंग पार्ट उसका क्लाइमैक्स है। चिट्टी और पक्षीराज के बीच की लड़ाई देखने में मज़ा आता है। देख कर लगता है कि इस फ़िल्म के स्पेशल इफैक्ट्स इसे बहुत स्पेशल बनाते हैं। फ़िल्म की कहानी का संदेश भी अच्छा है। कुल मिलाकर फ़िल्म इंट्रेस्टिंग ही लगती है।
थोड़ी कम अच्छी कहानी पर कमाल के वीएफएक्स इफेक्ट को देखना है, अक्षय का नया अवतार देखना है, चिट्टी के मज़ेदार पंचेज़ सुनने हैं तो फ़िल्म देखिए, नहीं तो ऐमेजॉन पर आप बाद में इसे देख ही लेंगे।
thanks dii..Appka stree ka comment nahi aya ..I was waiting …