ये दिल क्यों परेशान है,
ये मन क्यों यूं बेजान है
करके जो ढिंढोरा पीटे,
होता वो कैसा दान है
मैं किसकी हार मैं किसकी जीत
वो कौन है जिसे कहते मीत
लिखे बोल पढ़ते मेरे होंठ
बस गा ना पाए तेरे गीत
बिकने को जो खड़ा है वो
दुनिया की बीच बाज़ारी में
मिल जाए उसको कीमत तो
खुशियॉं हो उसकी बारी में
चलने को तो चलता रहेगा
पन्ना है ये भरता रहेगा
ग़म की पुड़िया फाड़ लो
खुशी को तुम उखाड़ लो
Beautiful lines shweta…..and very heart touching!!
Loved it…so awesome!!