बयां


सुनो ना,
लिखना चाहती हूं
उस प्रेम कहानी को
जिसे पढ़ औ’ सुनकर
किसी को भी प्रेम हो जाए
कोशिश करके देखा मैंने
ना कलम चले, ना शब्द मिले

प्रिये,
मुश्किल तो होती है
कुछ किस्सों को लिखने में
आसां नहीं बयां करना
जैसे पानी पे, पानी से, पानी लिखना

 

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