‘ब्लैकमेल’ फ़िल्म रिव्यू


तो एक बार फिर से एक ‘ब्लैकमेल’ बॉक्स ऑफिस पर आ चुकी है। पहले भी बॉक्स आफिस ने कई ब्लैकमेल कहानियों को दिखाया है, पर डायरेक्टर अभिनय देव की ये ‘ब्लैकमेल’ ज़रा हटकर है। एक तरफ जहां इसमें समाज की अजीब सी सच्चाई सामने आती है, वही सदमे में आए पति की विकराल मानसिकता भी दिखती है।

फ़िल्म की कहानी प्रोमो से ही समझ में आ जाती है। कहानी देव (इरफ़ान ख़ान) की है, जो सीधा सादा नौकरी पेशा आदमी है। एक दिन वो अपनी बीवी (कीर्ति कुल्हारी) को सरप्राइज़ देने घर जल्दी पहुंचता है और वहां उसे अपने प्रेमी रंजीत (अरुणोदय सिंह) के साथ बिस्तर पर देखता है। देव के दिमाग में कई तरह की सोच आती है कि वो अपनी पत्नी का खून कर दे या उसके प्रेमी का या फिर दोनों का ही, पर देव ऐसा कुछ नहीं करता। वो अपनी बीवी के प्रेमी को ब्लैकमेल करना शुरु कर देता है। उसके बाद क्या होता है, उस इंट्रेस्टिंग कहानी को जानने के लिए थियेटर जाइए।

परवेज़ शेख़ ने कहानी को काफी रोचक तरीके से लिखा है। कहानी थी पत्नी के प्रेमी को ब्लैकमेल करना, पर इसके आस पास इतने ताने बाने बुने गए कि कहानी और ज़्यादा मज़ेदार हो गई। अभिनय देव का डायरेक्शन कमाल का रहा है। कसा हुआ स्क्रीनप्ले, रोचक कहानी और अच्छा डायरेक्शन इस फ़िल्म को बहुत मजबूत बनाता है। सिचुएशनल ह्यूमर कहानी को ज़्यादा मज़ेदार बनाता है। अभनय देव की ये ब्लैक कॉमेडी देखने लायक है।

इरफ़ान की एक्टिंग पर किसी को भी कोई शक नहीं। उनका होना ही फ़िल्म को ख़ास बना देता है। फ़िल्म की शुरुआत में कुछ मिनटों तक इरफ़ान के कोई संवाद नहीं थे, पर अपने हाव-भाव से ही उन्होंने अभिनय का लोहा मनवा दिया। मिडिल क्लास आदमी की परेशानियां, उसकी मानसिकता को इरफ़ान ने बहुत अच्छे से दिखाया है। उनके टॉयलेट कार्यक्रम को देखकर ‘डेल्ही बैली’ की भी याद आ सकती है। कम शब्दों में अपनी बात को कहने का उनका हुनर लाजवाब है। कीर्ति के हिस्से बहुत कुछ नहीं था, पर जितना भी था, अच्छा था। अरुणोदय ने अपने किरदार को बहुत अच्छे से निभाया, वही दिव्या दत्ता भी अपने रोल में जमी हैं। प्रभा के रोल में अनुज साठे का काम अच्छा था। ओमी वैद्य, अतुल काले और गजराज राव का काम भी जमा है। लंबे समय बाद एक गाने में उर्मिला मातोंडकर भी दिखी हैं।

बहुत लंबे समय बाद इतनी इंट्रेस्टिंग फ़िल्म आई है। मज़ेदार कहानी, बेमिसाल एक्टिंग और बहुत अच्छे स्क्रीनप्ले के लिए ये फ़िल्म ज़रुर देखनी चाहिए।

इस फ़िल्म को मिलते हैं 4 स्टार्स।

 

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