जिस्म के साथ उलझने का सोचते हो,
कभी सोच से उलझो तो बात बने…
कपड़े तो खुल जाएंगे कभी भी,
मन के डर को खोलो तो बात बने…
किस्मत का सहारा लेकर बचते हैं सब,
मोहब्बत के लिए दुनिया से लड़ो तो बात बने…
फोन पर कैसे पोछोगे ऑंसू हमेशा,
कभी अपने कंधे बढ़ाओ तो बात बने…
इंस्टा-फेसबुक पर डालते हो प्यार के किस्से,
असल ज़िंदगी में कहानी बनाओ तो बात बने…
चलने के लिए तो चल ही रहे हैं सब रिश्ते,
तुम परछाई बनकर साथ रहो तो बात बने…
बातों में बांधोगे तो बंध जाएगा कोई भी,
प्रेम में आज़ाद करो तो बात बने…
Excellent and very inspiring 👌
जिस्म की बात नहीं थी.. उनके दिल तक जाना था…
लम्बी दूरी तय करने में…वक्त तो लगता है…
Perfect
Beautiful thoughts
रूह मे पिरो लो धागा इश्क का,.. बंधन जिस्मो का अक्सर छुट जाया करती है.।।