ज़रूरी है


सुनो ना,

प्यार में क्या ज़रूरी है
बेचैन और बेताब होना
घबराना, शर्माना
दिल में इक अलग सी आग होना
विरह में रोना, छटपटाना
नज़दीकी में खुमार होना
भूत भूलना, भविष्य से ना डरना
आज में बस गुम होना

हॉं प्रिये,

ज़रूरी है
बेचैनी भी, बेताबी भी
घबराहट भी, शर्माहट भी
रोना, हड़बड़ाना, छटपटाना,
बेसब्री भी, खुमारी भी
ज़रूरी तो है वो लय भी
प्रीत के लिए वो भय भी
कभी रूठ जाना, कभी मनाना
प्यार में बस प्यार का हो जाना
ज़रूरी है प्यार में खो जाना
दिल के दिल में बस जाना
चलते ही रहेंगे गणित ये सारे
तुम बस मेरी हो जाना

 

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