तो पूरी पागलपंती के साथ आ गई है पागलपंती। फ़िल्म को डायरेक्ट किया है अनीस बज़्मी ने।
कहानी में एक तरफ हैं गैंगस्टर राजा उर्फ जीजाजी (सौरभ शुक्ला) और उनके साले साहब यानि कि वाईफाई (अनिल कपूर) और दूसरी तरफ हैं वो, जो जिस शहर में रहते हैं, वो तबाह हो जाता है, यानि कि बैड लक का ऐसा ऐप, जो एक बार डाउनलोड हो जाए तो डिलिट नहीं हो सकता, बोले तो राज (जॉन अब्राहम), चंकी (अरशद वारसी) और चंदू (पुलकित सम्राट)। क्या पागलपंती होती है जब ये सब मिल जाते हैं, यही है फ़िल्म की कहानी।
अनीस बज़्मी ने अपनी फ़िल्म में कई सारे बड़े स्टार्स को लिया है और इस भीड़ के साथ उन्होंने एक कॉमेडी फ़िल्म बनाने की कोशिश की है। कई जगह आपके मुंह से निकलेगा कि क्या बकवास है, पर आपको हंसी आएगी। नीरव मोदी के नाम पर नीरज मोदी नाम का कैरेक्टर है फ़िल्म में और उसके साथ देशभक्ति वाला ऐंगल डालकर डायरेक्टर ने अपना फर्ज़ निभाने की कोशिश भी की है पर वो थोड़ा फ्लॉप शो ही रहा है। गाने हैं फ़िल्म में पर वो भी उड़ती कार की तरह कहीं भी उड़ कर आ जाते हैं। स्क्रिप्ट मजबूत रहती तो ये फ़िल्म सही मायने में कॉमेडी फ़िल्म बन सकती थी।
फॉर अ चेंज जॉन अब्राहम इस फ़िल्म में डांस करते भी नज़र आए हैं और कॉमेडी करते भी। सही बोलूं तो वो अच्छे ही लगे हैं ये सब करते हुए। पुलकित सम्राट का काम ठीक रहा। अरशद वारसी ने अपने वनलाइनर्स से हंसाने का काम किया है। अनिल कपूर फिर से गैंगस्टर के रोल में हैं और इस बार भी वो छा गए हैं। बाजी मारी है सौरभ शुक्ला ने। उनके डायलॉग्स बहुत मज़ेदार हैं। फ़िल्म में तीन एक्ट्रेस हैं – इलियाना डिक्रूज़, कृति खरबंदा और उर्वशी रौतेला। तीनों ने ग्लैमर फैक्टर ऐड करने का ही काम किया है। नीरज मोदी के रोल में इनामुलहक का काम अच्छा है।
गाने ठीक ठाक हैं फ़िल्म के, पर प्लेसमेंट की वजह से वो बहुत मज़ा नहीं देते। जॉन और इलियाना पर ‘तुम पर हम हैं अटके’ ठीक लगता है। ‘तेरा बीमार मेरा दिल’ भी सुनने में सही लगता है।
अगर आप दिमाग लगाए बिना देख सकते हैं फ़िल्म तो ये पागलपंती देखिए क्योंकि कुछेक जगह तो हंसी आएगी, पर अगर आपने अपना दिमाग लगाने की कोशिश की तो ये भेजा फ्राई भी कर सकती है।